ग्वालियर
एमपी के ग्वालियर में भीषण आगलगी की घटना में 7 जिंदगियां रविवार को झुलस गई है। मृतकों में 3 बच्चे हैं, जो आग में झुलस गए। सोमवार सुबह सवा दस बजे पेंट की दुकान में लगी आग ने घर में फंसे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं दिया। आग में फंसे लोग थोड़ी देर तक तो इस उलझन में फंसे रहे कि नीचे जाएं या ऊपर रहें। वहीं, फायर ब्रिगेड की भी बड़ी लापरवाही इसमें सामने आई है।
आगलगी की इस घटना में साकेत गोयल का हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया है। हादसे में साकेत की पत्नी और बेटे की मौत हो गई है। उन्हें अफसोस है कि आखिर उसे बच्चों के साथ मायके से क्यों बुलाया था। क्या होनी को यही मंजूर थी। ऐसी ही बात कर साकेत फफक रहे हैं। परिजन लगातार सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन आग से झुलसे पत्नी और बेटे को देख साकेत खुद को रोक नहीं पा रहे थे।
मायके में थी प्रियंका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रियंका अपने बच्चे आर्यन और गौरवी के साथ लॉकडाउन में यूपी के झांसी स्थित मायके में फंस गई थी। वह 17 मार्च को बेटे की परीक्षा खत्म होने के बाद मायके चली गई थी। उसके बाद लॉकडाउन लागू हो गया, तभी से वह बच्चों के साथ मायके में ही थी। सख्ती की वजह से वह ग्वालियर लौट नहीं पा रही थी।
घटना से 14 घंटे पहले आई थी ग्वालियर
वहीं, पति लगातार प्रियंका को ग्वालियर लाने की कोशिश में लगे थे। साकेत ने पत्नी और बच्चों को वापस बुलाने के लिए 4 बार ई-पास के लिए अप्लाई किया, लेकिन नहीं मिला। 5वीं बार में साकेत को 15 से 17 मई के लिए ई-पास मिला। उसके बाद साकेत ने रविवार को कार से ड्राइवर को पत्नी और बच्चों को लाने के लिए ग्वालियर भेजा। ड्राइवर रविवार की रात 8 बजे प्रियंका, आर्यन और गौरवी को लेकर लौटा।
सोमवार को लगी आग
प्रियंका को मायके से आए हुए अभी 14 घंटे ही बीते थे। सोमवार सुबह सवा दस बजे बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। आग लगने से प्रियंका, बेटे आर्यन के साथ बुरी तरह से झुलस गई, जिसमें दोनों की मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि अगर फायर ब्रिगेड की टीम समय से पहुंचती तो शायद लोगों की जान बच जाती।