दिल्लीः अब डाक देने अफसरों के घर नहीं जाएंगे पुलिसकर्मी, इसलिए बदली बरसों पुरानी व्यवस्था - GRAMEEN SANDESH

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दिल्लीः अब डाक देने अफसरों के घर नहीं जाएंगे पुलिसकर्मी, इसलिए बदली बरसों पुरानी व्यवस्था


 


कोरोना और सिपाही अमित राणा की मौत ने दिल्ली पुलिस के डाक (डेली डायरी) सिस्टम को बदल दिया है। अंग्रेजों के समय से चले आ रहे डेली डायरी सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया गया है। 


अब पुलिसकर्मियों को सुबह-सुबह डाक लेकर अफसरों के घर जाने की जरूरत नहीं है। वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त की ओर से आदेश दिया गया है कि थानाध्यक्ष व एसीपी की अनुमति के बाद ही पुलिसकर्मी कोरोना टेस्ट करा सकेंगे। 
डेली डायरी सिस्टम के तहत जिले में पिछले 24 घंटे में क्या हुआ, इसकी जानकारी व एफआईआर आदि कागजात संबंधित यूनिटों के सीनियर अफसरों के घर एकदम सुबह पहुंचाए जाते थे। 
सर्दी हो या गर्मी हर रोज पुलिसकर्मी, सीनियर अफसरों के यहां डेली डायरी पहुंचाते थे। इस सिस्टम में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती थी। समय व पेट्रोल आदि संसाधन भी खर्च होते थे।


कोरोना महामारी के बाद सीनियर अफसरों ने डेली डायरी के तहत आने वाले कागजात को हाथ लगाना बंद कर दिया था। कोरोना की वजह से जान गवाने वाले सिपाही अमित राणा भी डाक पहुंचाने का काम करते थे। 


इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने इस डेली डायरी सिस्टम को खत्म कर ऑनलाइन कर दिया है। आयुक्त ने बृहस्पतिवार को एक आदेश जारी किया है। 


इसके तहत विशेष परिस्थितियों को छोड़कर अब डेली डायरी के लिए पुलिस अफसर ई-मेल व व्हाट्सएप का ही इस्तेमाल करेंगे। इससे पेपर व संसाधनों की काफी बचत होगी। 


वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त ने यह भी आदेश दिए हैं कि कोई भी पुलिसकर्मी थानाध्यक्ष व एसीपी की अनुमति के बिना कोरोना टेस्ट नहीं कराएगा। बताया जा रहा है कि ये फैसला शालीमार बाग में पुलिसकर्मियों के लिए खोले गए कोविड टेस्ट सेंटर में पुलिसकर्मियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए लिया गया है। 


 


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