लोगों को घर बैठे अब वही खाना मिल सकेगा, जो हाईजीनिक खाने की शर्तों को पूरा करता हो। इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
पंजाब सरकार ने रविवार को आदेश जारी करते हुए प्रदेश के ऐसे सभी होटलों, ढाबों, भोजनालय आदि (एफबीओज) से ऑनलाइन खाने की सप्लाई पर रोक लगाने का फैसला किया है, जो फूड स्टैंडर्ड एंड सेफ्टी एक्ट के नियमों के तहत हाइजीन रेटिंग में नहीं आते। सरकार ने ऑनलाइन खाने की सप्लाई करने वाली वाली कंपनियों (ओएफएसएज) को भी निर्देश जारी किए हैं कि वह रेटिंग न करवाने वाली दुकानदारों से खाने की सप्लाई न करें।
पंजाब के फूड सप्लाई एंड ड्रग एडमिनस्ट्रेशन के कमिश्नर काहन सिंह पन्नू ने बताया कि सार्वजनिक हित में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के अधीन प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए हाईजीन रेटिंग न करवाने वाले फूड बिजनेस ऑपरेटरों से ऑनलाइन फूड सप्लाई एग्रीगेटरों (ओएफएसऐज़) द्वारा भोजन का वितरण /सप्लाई /बिक्री पर पाबंदी लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि फूड सप्लाई एग्रीगेटरों को बिना हाईजीन रेटिंग वाले ऑपरेटरों से खाना नहीं लेना है। जिन ऑपरेटरों की रेटिंग 3 से कम है, उनसे भोजन लेने पर भी पाबंदी लगाई गई है। पाबंदी संबंधी यह आदेश राज्यभर में 30 अप्रैल से प्रभावी होंगे और 1 साल तक लागू रहेंगे।
रेटिंग करने के लिए हायर की गई एजेंसियां
कमिश्नर काहन सिंह पन्नू ने कहा कि अब यह यकीनी बनाना जरूरी हो गया है कि एग्रीगेटर उपभोक्ताओं को सिर्फ मानकों से युक्त और स्वच्छ भोजन सप्लाई करे। नैतिक ज़िम्मेदारी भी बनती है कि मानक और स्वच्छ भोजन पदार्थों की डिलीवरी को यकीनी बनाया जाए। इसलिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने हिदायतें जारी की हैं, जिसके अंतर्गत हाइजीन रेटिंग करने की प्रणाली शुरू की गई है। यह रेटिंग करने के लिए विभिन्न एजेंसियों को अधिकृत भी किया गया है।
हाइजीन रेटिंग के लिए न्यूनतम 3 अंक जरूरी
नियम के प्रति कंपनियां लापरवाह रहीं
यह देखा गया है कि हाइजीन रेटिंग की महत्ता संबंधी जागरुक करने के बावजूद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके चलते उपभोक्ता असुरक्षित भोजन की संभावित डिलीवरी की मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। विभाग ने गत 18 जनवरी को आपत्ति मंगवाने के लिए नोटिस जारी किया था।
नोटिस में कहा गया था कि हाइजीन रेटिंग न करवाने वालों पर पाबंदी क्यों न लगाई जाए? पन्नू ने बताया कि 30 जनवरी या इससे पहले ऐतराज देने के लिए कहा गया था। लेकिन कोई ऐतराज नहीं मिला, इसलिए पाबंदी के आदेश जारी किए गए हैं।