हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से सरसों, गेहूं और नकदी फसलों को हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी होगी। कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कृषि विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, उनकी फसल के नुकसान का आंकलन बीमा कंपनियां करेंगी और मुआवजा भी वही देंगी। जिन किसानों ने बीमा नहीं कराया है, उन्हें फसल नुकसान का मुआवजा सरकार देगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बीस दिन के भीतर किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों से अपील की है कि वे जिला प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर नुकसान की सही जानकारी देते हुए तीन दिन के अंदर-अंदर कृषि विभाग में फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन करें। साथ ही आधार कार्ड, संबंधित जमीन की फर्द, बीमा के दस्तावेज व बैंक पासबुक की प्रतियां निर्धारित प्रफार्मा के साथ संलग्न कर जमा करानी होगी। इसके बाद ही ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा जल्दी मिल जाएगा। श
निवार शाम लगभग 25 मिनट तक हुई ओलावृष्टि के अलावा तेज बारिश के कारण महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी-दादरी, भिवानी, झज्जर व नूंह जिले में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इन क्षेत्रों में सरसों की फसल पककर तैयार थी, जिसकी एक सप्ताह बाद कटाई होनी थी। सब्जियों व गेंहू को भी काफी नुकसान हुआ है। कई जगह पर गेंहू बिछ गई है। रेवाड़ी जिले के खोल व जाटूसाना ब्लॉक, महेंद्रगढ जिले के महेंद्रगढ़, अटेली व कनीना ब्लॉक में ओलावृष्टि ने कहर ढाया है। दक्षिणी हरियाणा में सरसों से किसानों को मुनाफे की आस रहती है, जिस पर पूरी तरह से पानी फिर गया है।
फसलों को 80 प्रतिशत से अधिक पहुंचा नुकसान: सैलजा
क्योंकि, कई किसानों ने इस फसल बीमा योजना को अपनाया ही नहीं है, तो कई किसानों को पिछले वर्षों का मुआवजा ही बीमा कंपनियों ने अभी तक नहीं दिया। अब फसल बीमा योजना में केंद्र सरकार बीमा प्रीमियम राशि का 50 प्रतिशत की बजाए केवल 25 प्रतिशत भुगतान ही करेगी। जो दिखाता है कि सरकार किस तरह से किसान विरोधी फैसले ले रही है।
तीन साल में बीमा कंपनियों ने फसल बीमा योजना से 77,801 करोड़ रुपये प्रीमियम लिया और 19,202 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वेद प्रकाश विद्रोही ने कहा है कि यदि सरकार ने गांव को ईकाई मानकर नष्ट फसलों का मुआवजा देने का निर्णय बीमा कंपनियों से करवाया तो यह किसानों के साथ अन्याय होगा। दक्षिणी हरियाणा में ओलावृष्टि व बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है।